Sugarcane Crop फरवरी-मार्च में ही काटी गई फसल की पेड़ी से अधिक पैदावार
पेड़ी रखने का समय : सर्दी में काटी गई पौधा फसल से ली जाने पेड़ी फसल का फुटाव कम आता है। इसलिए गन्ने की फरवरी-मार्च में ही काटी गई फसल की पेड़ी से अधिक पैदावार मिलती है
पत्तियां हटाना : फसल की कटाई जल्दबाजी में ऊपर से न करें। कटाई के बाद खेत से पत्तियां निकालकर अलग कर दें। Sugarcane Crop यदि फसल बीमारी रहित रही हो तो सिंचाई के बाद इन पत्तियों को गुड़ाई करके खेत में एकसार फैला दें। यदि फसल में कोई प्रकोप रहा हो तो पत्तियां जला दें।
सिंचाई : पहली फसल कटाई के बाद पत्तियां खेत से हटाकर तुरंत सिंचाई कर दें। बत्तर आने पर ठुंठों की कटाई तथा खेत की गुड़ाई के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
खाद व उर्वरक : पेड़ी फसल में छह से आठ टन गोबर की गली सड़ी खाद प्रति एकड़ डालें। 90 किग्रा नत्रजन तथा फास्फोरस की कमी वाले खेतों में 20 किग्रा शुद्ध फास्फोरस प्रति एकड़ डालें।
खाली स्थान भरना : पेड़ी गन्ने के खूड़ों में यदि तीन फुट से ज्यादा खाली जगह हो तो उसमें उसी किस्म के गन्ने की अंकुरित पोरियों तथा गन्ना के झुंडों से खाली जगह भर देनी चाहिए।
सफेद पत्तियां हटाना : सफेद पत्तियां लौह तत्व की कमी का लक्षण हैं।Sugarcane Crop इसके लिए एक किग्रा फेरस सल्फेट तथा चार किग्रा यूरिया 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए।
कीट नियंत्रण : दीमक तथा कनसुआ प्ररोह बेधक कीट से बचाव के लिए ढाई लीटर कलोरोपाइरीफोस 20 प्रतिशत को सिंचाई के साथ लगाएं या रेती में मिलाकर खेत में एकसार छिड़काव कर दें। काली कीड़ी नामक कीट की रोकथाम के लिए 550 किली इंडोसल्फान 35 या डाइकलोरोवास 160 मिली को 10 किग्रा यूरिया के साथ 400 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।Sugarcane Crop अंगोला बेधक कीट की रोकथाम के लिए फोरेट 10 जी की आठ किग्रा मात्रा खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ डालकर सिंचाई करें। बीमारी ग्रस्त पौधों को निकालकर नष्ट करते रहें।