Wheat Crop 114 मिलियन टन का उत्पादन करेंगे
इस साल देश में गेहूं का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन होगा, 114 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान है, उत्पादन अब तक का सबसे ज्यादा होगा. इस साल भारत सरकार ने देश में 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है. गेहूं विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार हम 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेंगे. यह अब तक का रिकॉर्ड बन जायेगा.
जिसके चलते इस बार देश में 34 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई की गई है. जिससे हमारा अनुमान है कि हम इस साल 114 मिलियन टन का उत्पादन करेंगे. इस साल देश में गेहूं का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन होगा, 114 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान है, उत्पादन अब तक का सबसे ज्यादा होगा
इस साल गेहूं बुआई का रकबा
गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश में 33 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर गेहूं बोया जाता था. जिसमें हमने 110.6 मिलियन टन का उत्पादन किया, जबकि इस वर्ष गेहूं का क्षेत्रफल पहले से बढ़ गया है. Wheat Crop जिसके चलते इस बार देश में 34 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई की गई है. जिससे हमारा अनुमान है कि हम इस साल 114 मिलियन टन का उत्पादन करेंगे. निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व में 134 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के बाद चीन देश में गेहूं उत्पादन में पहले स्थान पर है, जबकि हमारा देश दूसरे स्थान पर है, जिसने पिछले वर्ष 134 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन किया है. वर्ष में 110 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन हुआ.
विश्व में गेहूं उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी
उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में गेहूं उत्पादन की हमारी 15 से 18% भागीदारी है. डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि भारत में गेहूं कम अवधि की फसल है जिसके चलते कम समय में गेहूं पककर तैयार हो जाती है. आज देश में 80% भूमि पर क्लाइमेट के अनुसार बिजाई की गई है. संस्थान के डायरेक्टर ने बताया कि हमारे देश के वैज्ञानिकों ने गेहूं के नए-नए बीज तैयार किए हैं जो कि भारत की जलवायु के अनुसार तैयार किए हैं. जिस क्षेत्र में जैसी जलवायु होती है Wheat Crop उसके अनुसार ही बीज को तैयार किया जाता है. इस बार देश में जलवायु के अनुसार 80% ऐसी गेहूं की बिजाई की गई है जो मौसम के अनुकूल हैं. इसके चलते हमारा उत्पादन पहले से ज्यादा होगा.
पोर्टल के माध्यम से किसान खरीद सकते हैं बीज
इन बीजों में बीमारियों से लड़ने करने की भी क्षमता होती है. राष्ट्रीय बीज पोर्टल के माध्यम से किसानों तक ऐसे बीज पहुंचाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि येलोरस्ट बीमारी की बात की जाए तो वह दिसंबर जनवरी के महीने में ही फसलों को अपना शिकार बना लेती थी लेकिन इस बार इस महीने में यह बीमारी नहीं देखने को मिली. फरवरी में कुछ जगह पर ही थोड़ी येलो रस्ट बीमारी देखने को मिली हैं. लेकिन उसका उत्पादन पर इतना प्रभाव नहीं है. जिसके चलते हमारा उत्पादन पहले से अच्छा होगा. थोड़ी और मेहनत करने से कुछ सालों बाद हम हो सकते हैं विश्व में गेहूं उत्पादन में नंबर वन.