PM Kisan Yojana कभी पायलट बनना चाहती थीं पटौदी की किसान शर्मिला यादव, सरकार की इस स्कीम ने पूरे किए अरमान

PM Kisan Yojana एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए ट्रेनिंग पाने वाली सैकड़ों महिलाओं में से एक हैं

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केंद्र सरकार की तरफ से देश की महिलाओं को सशक्‍त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाएं होती हैं. लेकिन कुछ योजनाएं पूरे देश की महिलाओं को मजबूत बनाती हैं. ऐसी ही एक योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए शुरू की है. इस योजना को ड्रोन दीदी योजना के तौर पर जाना जाता है. आज यह योजना उन महिलाओं के सपने भी पूरे कर रही है जो कभी आसमान में उड़ना चाहती थीं लेकिन उनका अरमान किन्‍हीं वजहों से टूट गया. यह योजना अब उनके हर सपने को पूरा कर रही है.

पूरा हुआ एक बड़ा सपना

एक समय भारत के गांव में आम गृहिणी रहीं शर्मिला यादव हमेशा से एक पायलट बनना चाहती थीं. अब वह कुछ हद तक अपने सपने को जी रही हैं. शर्मिला देश की कृषि भूमि पर खेती करने के लिए दूर से भारी-भरकम ड्रोन को आसमान में उड़ा रही है. 35 साल की शर्मिला सरकार की ड्रोन दीदी योजना के तहत उर्वरक-छिड़कने वाले एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए ट्रेनिंग पाने वाली सैकड़ों महिलाओं में से एक हैं.  इस योजना का मकसद श्रम लागत को कम करके भारतीय खेती को आधुनिक बनाने में मदद करना है. साथ ही पुरानी तकनीक पर निर्भरता और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियों से जूझ रहे उद्योग में समय और पानी की बचत करना है.

बदल रहा लोगों का नजरिया

यह कामकाजी महिलाओं के प्रति ग्रामीण भारत के बदलते नजरिए का भी एक संकेत है, जिन्हें परंपरागत रूप से श्रम बल में शामिल होने के बहुत कम अवसर मिलते हैं. दो बच्‍चों की मां शर्मिला ने कहा, ‘पहले, महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल था. उन्हें सिर्फ घर का काम करना था और बच्चों की देखभाल करनी थी. जो महिलाएं काम के लिए बाहर जाती थीं, उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था.PM Kisan Yojana  एक मां के तौर पर अपने कर्तव्‍यों को पूरा न कर पाने की वजह से उन्‍हें ताना भी दिया जाता था. लेकिन अब मानसिकता धीरे-धीरे बदल रही है.’

पटौदी की किसान शर्मिला यादव
पटौदी की किसान शर्मिला यादव

मिलेगा अच्‍छा-खासा पैसा

शर्मिला के पति भी एक किसान हैं और उनकी शादी को 16 साल हो चुके हैं. लेकिन वह अभी तक सिर्फ एक गृहिणी के तौर पर ही थीं. शर्मिला, राजधानी नई दिल्ली से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित हरियाणा राज्‍य में स्थित पटौदी शहर के पास एक गांव में रहती हैं. उस गांव में महिलाओं के लिए नौकरी के बहुत कम अवसर थे. लेकिन इस नई योजना की वजह से शर्मिला का जीवन काफी आसान हो गया PM Kisan Yojana है. अब उन्‍हें पांच हफ्तों में दो बार 150 एकड़ या 60 हेक्टेयर खेत में छिड़काव करने पर 50000 रुपये मिलेंगे. यह हरियाणा की औसत मासिक आय से थोड़ा अधिक है

300 महिलाओं को मिलेगी ट्रेनिंग

लेकिन शर्मिला के लिए यह सिर्फ उनके लिए आय का स्रोत नहीं है. उनकी मानें तो जब कोई उन्‍हें पायलट कहता है तो वह काफी गर्व महसूस करती हैं. शर्मिला कभी हवाई जहाज में नहीं बैठी हूं, लेकिन अब उन्‍हें ऐसा लगता है कि जैसे वह हवाई जहाज उड़ा रही हों. यादव देश में रासायनिक उर्वरकों के सबसे बड़े निर्माता, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा प्रशिक्षित 300 महिलाओं के पहले बैच में से एक हैं.  पायलट के रूप में प्रशिक्षित महिलाओं को परिवहन के लिए बैटरी से चलने वाले वाहनों के साथ 30 किलोग्राम के ड्रोन मुफ्त में दिए जाते हैं.

15000 दीदियां होंगी प्रशिक्षित

बाकी उर्वरक कंपनियां भी इस कार्यक्रम में शामिल हो गई हैं, जिसका लक्ष्य देश भर में 15000 ड्रोन दीदियों को ट्रेन्‍ड करना है. इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार ने कहा, ‘यह योजना सिर्फ रोजगार के बारे में नहीं है बल्कि सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता के बारे में भी है.’  पिछले साल एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, 80 प्रतिशत ग्रामीण पुरुषों की तुलना में 41 प्रतिशत से कुछ अधिक ग्रामीण भारतीय महिलाएं औपचारिक कार्यबल में हैं.

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