गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी : आपको बता दे की सरकार नवंबर 2024 से शुरू होने वाले सत्र के लिए इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। यह कच्चे माल के विविधीकरण पर भी जोर दे रही है क्योंकि इसका लक्ष्य 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करना है।
गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी
सरकार इथेनॉल की कीमत बढ़ाकर किसानों और मिलों को प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है। सरकार ने कहा है कि जल्द ही इसकी कीमतें बढ़ सकती हैं।
सूत्रों ने कहा कि इथेनॉल की कीमतों में संशोधन गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य के आधार पर किया जाएगा। उत्पादन को प्रोत्साहित करने और हमारे मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मूल्य संशोधन पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जा रहा है। इथेनॉल की कीमत में वृद्धि से किसानों और चीनी मिलों को फायदा होगा। इससे मिलों को ज्यादा पैसा मिलेगा, जिससे किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी।
अब कीमतें नहीं बदलेंगी
पिछले सप्ताह, सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जैव ईंधन उत्पादन के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए कहा कि भारत 2030 की मूल समय सीमा से काफी पहले, 2025-26 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। सरकार द्वारा निर्धारित इथेनॉल की कीमतें 2022-23 सत्र (नवंबर-अक्टूबर) से अपरिवर्तित बनी हुई हैं।
अभी कीमत कितनी है
वर्तमान में गन्ने के रस से उत्पादित इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है, जबकि ‘बी-हैवी’ और ‘सी-हैवी’ गुड़ से उत्पादित इथेनॉल की दरें क्रमशः 60.73 रुपये और 56.28 रुपये प्रति लीटर हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार अपनी हरित ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को महत्वपूर्ण मानती है।
लक्ष्य कहां तक पहुंचा है?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में इथेनॉल मिश्रण चालू सीजन में जुलाई तक 13.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो 2022-23 सीजन में 12.6 प्रतिशत था। देश की कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 1,589 करोड़ लीटर है। पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने 2023-24 सीजन के दौरान मिश्रण के लिए 505 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा है।