Advisory for Farmers सरसों की कटाई की होने लगी है तैयारी
पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है. उन्होंेने एक एडवाइजरी जारी करके कहा कि पूर्ण रूप से पके तोरिया या सरसों की फसल को अतिशीघ्र काट दें. अगर 75-80 प्रतिशत फली का रंग भूरा हो गया है तो यह फसल पकने के लक्षण हैं. फलियों के अधिक पकने की स्थिति में दाने झड़ने की संभावना होती है. इसलिए समय से कटाई करें. अधिक समय तक कटे फसलों को सुखने के लिए खेत पर रखने से चितकबरा बग लग सकता है. इससे तैयार फसल को नुकसान होगा. इसलिए किसान जल्द अपने सरसों की कटाई और गहाई कर लें. Advisory for Farmers गहाई के बाद फसल अवशेषों को नष्ट कर दें. इससे कीटों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी.
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि वो मूंग की फसल की बुवाई के लिए उन्नत बीजों का चयन करें. मूंग के मामले में पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा-5931, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32, एसएमएल-668 और सम्राट प्रमुख हैं. बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से उपचार करें. ताकि जमाव अच्छाह हो और रोग न लगे. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
फल छेदक कीट से कैसे करें बचाव
टमाटर, मटर, बैंगन व चना में फल छेदक कीट लग सकता है. फल छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन ट्रैप @ 2-3 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.Advisory for Farmers फिर भी प्रकोप अधिक हो तो 15 दिन बाद स्पिनोसैड कीटनाशी 48 ईसी @ 1 मिली/4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.
सब्जियों में हो सकता है चेपा का आक्रमण
सब्जियों में चेपा के आक्रमण की निगरानी करते रहें. वर्तमान तापमान में यह कीट जल्द ही नष्ट हो जाते हैं. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड़ @ 0.25 मिली प्रति लीटर पानी की दर से पके फलों की तुड़ाई के बाद छिड़काव करें. सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद कम से कम एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें. बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें.
चूर्णिल आसिता रोग की करें निगरानी
इस मौसम में बेलवाली सब्जियों और पछेती मटर में चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की संभावना रहती है. यदि रोग के लक्षण दिखाई दे तो कार्बेन्डाज़िम @ 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. बेलवाली सब्जियां जो 20 से 25 दिन की हो गई हों तो उनमें 10-15 ग्राम यूरिया प्रति पौध डालकर गुड़ाई करें. इस मौसम में समय से बोई गई बीज वाली प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें.