Agriculture News हरियाणा में खेती-किसानी से जुड़ी इस योजना में भारी धांधली
कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने अनियमितताओं का पता चलने के बाद बाजरा उत्पादक किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के कार्यान्वयन में ढिलाई बरतने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.लेकिन इसी बीच खबर है कि कुछ जिलों में लाभार्थियों को लाभ जारी कर दिया गया है. कृषि विभाग के सूत्रों से पता चला कि दलाल ने जनवरी में हुई एक बैठक में बीबीवाई के तहत धन के दुरुपयोग को गंभीरता से लिया था. मंत्री ने कहा कि कुछ अधिकारियों ने लाभार्थियों के चयन के लिए सत्यापन प्रक्रिया की उचित निगरानी नहीं की है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक नोट में कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के अनुसार अपात्र व्यक्तियों का डेटा सत्यापित किया गया है. Agriculture News एमएफएमबी पर बाजरे की फसल के तहत पंजीकृत क्षेत्र कुछ गांवों में कुल कृषि क्षेत्र से अधिक था, जहां भूमि समेकन नहीं हुआ है. मंत्री ने उन अयोग्य किसानों का विवरण भी मांगा, जिन्हें पिछले वर्षों में बीबीवाई के तहत राशि दी गई थी और उन अधिकारियों के नाम भी पूछे गए जो ढिलाई के लिए जिम्मेदार थे. उन्होंने कहा कि मुझे अधिकारियों का विवरण प्रदान करें और यदि ढिलाई के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसका कारण भी बताएं.
सूत्रों से पता चला कि सरकार ने कुछ जिलों में किसानों को बीबीवाई के तहत लाभ जल्दबाजी में जारी कर दिया था. कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने अनियमितताओं का पता चलने के बाद बाजरा उत्पादक किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के कार्यान्वयन में ढिलाई बरतने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
10 एफआईआर दर्ज की गई थीं
मंत्री ने 12 जनवरी को भिवानी में बीबीवाई के तहत किसानों को मिलने वाले लाभ को रोकने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि कुछ सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के मालिक और प्रौद्योगिकी-प्रेमी व्यक्ति धोखाधड़ी में लिप्त थे. सूत्रों से पता चला कि सरकार ने कुछ जिलों में किसानों को बीबीवाई के तहत लाभ जल्दबाजी में जारी कर दिया था. बीबीवाई के तहत फर्जी तरीके से लाखों रुपये का लाभ लेने के आरोप में भिवानी में विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 10 एफआईआर दर्ज की गई थीं. भिवानी जिले में हुए घोटाले की जांच चल रही है.
2300 अयोग्य किसानों का पता लगाया
हिसार में भी, जिला प्रशासन ने 2,300 अयोग्य किसानों का पता लगाया था. इन्होंने बीबीवाई के तहत लाभ प्राप्त करने के प्रयास में हजारों एकड़ जमीन पर एमएफएमबी पोर्टल पर खुद को बाजरा उगाने वाले किसानों के रूप में पंजीकृत किया था. लेकिन हिसार प्रशासन ने उन किसानों को मिलने वाले लाभ को रोक दिया था.