Good News मौसम ने किसानों के चेहरे पर लिख दी खुशी की इबारत
जनवरी के पूरे महीने में अनुकूल मौसम और हाल ही में हुई बारिश के कारण तापमान में गिरावट किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इस मौसम के कारण हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान गेहूं की पैदावार में कम से कम सात से 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में अपेक्षित नमी का वातावरण बनेगा. हालांकि, इस महीने और मार्च में, विशेष रूप से अनाज भरने के चरण के दौरान, असामान्य तापमान वृद्धि से स्थिति गड़बड़ा भी सकती है. हो सकता है कि उत्पादन पिछले साल से भी कम हो.
बारिश से मिली किसानों को राहत
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा बारिश एक राहत लेकर आई है क्योंकि इससे सिंचाई के एक दौर की बचत होगी। ठंड की स्थिति ने इस बार फसल को बहुत अच्छी तरह से बढ़ने में मदद की है. किसानों ने पूसा 1718 को अपनाने का फैसला किया और अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में रोपण पूरा कर लिया. पंजाब के किसानों ने फिर से पीबीडब्ल्यू 826 किस्म की बुआई की है और माना जा रहा है कि इस बार पिछले साल 25 क्विंटल प्रति एकड़ से अधिक उपज मिलेगी क्योंकि अब तक मौसम बहुत अच्छा रहा है.
बर्फबारी से होगा फायदा
इसके अलावा, उन्होंने उम्मीद जताई कि पहाड़ियों में बर्फबारी का मौजूदा दौर इस महीने तापमान को सामान्य स्तर से बढ़ने नहीं देगा. किसानों की एकमात्र चिंता इस साल बुआई में कुछ देरी को लेकर है. Good News कुछ किसानों ने साल 2022 में अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में और 2023 में 10 नवंबर के आसपास गेहूं की बुआई की थी. उन्होंने कहा कि अब तक कहीं से भी किसी कीट के हमले की कोई रिपोर्ट नहीं है.
राजस्थान में भी किसान खुश हैं और उन्हें गेहूं की अच्छी फसल की उम्मीद है. उनका कहना है कि क्षेत्र में कुछ किसानों ने कपास उखाड़ने के बाद 20 दिसंबर तक भी गेहूं की बुआई की, हालांकि अधिकांश बुआई नवंबर के पहले सप्ताह के बाद शुरू हुई। सात नवंबर से पहले बोई गई जल्दी बोई गई फसल में बालियां आना शुरू हो गई हैं.
गेहूं की अच्छी खेती
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को 2023-24 सीज़न के लिए सभी रबी फसलों की अंतिम बुआई के आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल गेहूं का रकबा साल 2022-23 में 339.20 लाख हेक्टेयर की तुलना में 341.57 लाख हेक्टेयर (एलएच) पर खत्म हुआ। गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 101.41 लाख प्रति घंटे की बुआई दर्ज की गई है, जो चार प्रतिशत से अधिक है. इससे राजस्थान और महाराष्ट्र में कम कवरेज की भरपाई करने में मदद मिली है। पंजाब और हरियाणा में रकबा पिछले साल के लगभग बराबर है। सरकार ने इस साल गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 114 मिलियन टन तय किया है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
अगर दिन का तापमान सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है, तो भी फसल के लिए कोई चिंता की बात नहीं है, बशर्ते रात ठंडी हो. वहीं, मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, हरियाणा के अंबाला के अलावा हिसार, रोहतक और चंडीगढ़ में अधिकतमतापमान सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में अधिकतम तापमान सामान्य से एक से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. राजस्थान के प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.
पौष के एकदम सर्द महीने में मौसम आम लोगों को ठिठुरने पर विवश कर रहा है। हाथ-पांव ठंडे होने के कारण लोगों को अपने शरीर में जकडऩ सी लगने लगी है, Good News लेकिन इस मौसम ने किसानों के चेहरे पर खुशी की इबारत लिख दी है। कनक की फसल के लिए यह मौसम काफी मुफीद माना जाता है। ठंड बढऩे से किसान अच्छी पैदावार की उम्मीद जता रहे हैं। खेती के जानकारों का भी कहना है कि ठंड बढऩे से गेहूं के अलावा मटर और सरसों को लाभ होगा और हल्की बूंदाबांदी होती है, तो भी फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हरियाणा में धान, आलू के अलावा गेहूं भी प्रमुख फसल है। हरियाणा का किसान देश का पेट भरने वाला अन्नदाता कहा जाता है। यहां के जिला सिरसा में सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन होता है। रबी सीजन में किसानों का पूरा जोर गेहूं पर ही होता है। फसलों की बुआई पूरी हो गई है। खरीफ में मौसम की मार झेल चुके किसानों को गेहूं से संभावना है। मौसम का साथ रहा तो अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान अभी और गिरेगा।
किसान बताते हैं कि तेज बारिश न हो तो सर्दी का मौसम रबी की तमाम फसलों के लिए अच्छा होता है। ठंड बढऩे से गेहूं, मटर व सरसों का दाना बढ़ता है और उत्पाद बेहतर होता है। इस महीने ऐसा ही मौसम रहा तो अच्छी पैदावार होगी। हल्की बूंदाबांदी हुई तो सिंचाई की जरूरत नहीं होती। किसानों को लागत कम आएगी।Good News पाला पडऩे से आलू की फसल को नुकसान हो सकता है। कोहरे से भी किसी फसल को क्षति नहीं होगी। ओस के रूप में फसलों को पानी मिलता है, जिससे नमी बनी रहेगी। तापमान कम होने से गेहूं, मटर, सरसों, मसूर आदि फसलों की अच्छी पैदावार होने की संभावनाएं रहती हैं।
किसानों का कहना है कि अभी ठंड पूरी नहीं पड़ी है। अगर ओस, कोहरा और ठंड पूरी पड़े तो गेहूं व मटर के दानों में फुटाव खूब अच्छा होगा। अभी फसल में किसी तरह की बीमारी या कीट नहीं है। कहा जा सकता है कि मौसम मुफीद रहा तो इस बार होने वाली गेहूं की फसल बंपर होगी। उत्तर हरियाणा में मौसम को लेकर रेड और दक्षिण हरियाणा में ओरेंज अलर्ट जारी हो चुका है लेकिन यह ठंड किसान के चेहरे को मुस्कान से भर रही है। रबी की फसल को लेकर जिस तरह का वातावरण चाहिए वह अब चल रहा है।
सरकार ने ठंड को देखते हुए स्कूलों में अवकाश कर दिया है और लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि बहुत जरूरी न हो तो बाहर न जाएं। स्वयं मुख्यमंत्री ने धुंध और ठंड को देखते हुए रेल से यात्रा करके लोगों को प्रेरित किया है कि वे रेल से सफर करें क्योंकि यह किफायती और सुरक्षित है। दुर्घटनाओं से बचाव और रोकथाम के लिए यह जरूरी है कि अधिक धुंध के समय लोग बाहर न निकलें। अधिक विवशता है तो भी उन साधनों का इस्तेमाल करें जिनसे ठंड, धुंध और दुर्घटना तीनों से बचाव रहे। सीएम मनोहर लाल प्रदेश के लोगों से यह भी आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने वाहनों पर फॉग लाइट का इस्तेमाल करें ताकि सडक़ पर चल रहे वाहनों का पता चल जाए।