PM Fasal Bima Yojana बदलते मौसम में नुकसान से बचने के लिए किसान करें ये जरूरी उपाय
रबी के प्रमुख फसल गेहूं में अब बालियां आनी शुरु हो गई है. गेहूं की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है. ऐसे में कई बार पके गेहूं की खड़ी फसल गिर खेतों में ही गिर जाती है. इससे फसलों को काफी नुकसान होता है. साथ ही कई बार अलग-अलग राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से भी गेहूं की फसल खेतों में गिर जाती है, जिसका सीधा असर गेहूं की क्वालिटी पर पड़ता है. साथ ही इस गेहूं को समेटने और इसकी कटाई के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर अपनी फसलों को नुकसान होने से बचा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे अपनी फसलों को नुकसान होने से बचा सकते हैं.
बारिश में फसल अगर गिर जाए तो उसे बचाने का सबसे सही तरीका यही है कि कंबाइन से उसे न काटें क्योंकि पूरी उपज बर्बाद हो जाएगी. ऐसे समय में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे हाथ से फसल की कटाई करें. ज्यादा अच्छा रहेगा अगर बालियों को ही काटा जाए क्योंकि ठंडल सड़ा रहता है जो कि दाने को भी खराब कर सकता है
किन कारणों से गिर जाती है फसल
गेहूं की फसल मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल महीने में कटाई शुरू हो जाती है. ऐसे में कई बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बारिश और तेज बारिश और तेज हवा के कारण फसल खेतों में गिर जाती है. इससे फसल और उपज के सड़ने का डर होता है, जिससे किसानों और पशुपालकों को भूसे के लिए गेहूं का पौधा उपयुक्त तौर पर नहीं मिल पाता है. वहीं भारी बारिश हो जाने की वजह से पूरे पौधे में सीलन आ जाती है और पौधा सड़ने और गलने लगता है.
पानी घुसने से दाना खराब होने का डर
गेहूं की फसलें जब तैयार हो जाती है और बारिश हो जाती है तो कई बार देखा जाता है कि पानी घुसने से दाना खराब होने का डर बढ़ जाता है. वहीं पानी के असर से गेहूं के दाने की क्वालिटी भी खराब हो जाती है, इससे किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिलता है.
फसल को कंबाइन से नहीं काट सकते
बारिश और तेज हवा से गिरी हुई गेहूं की फसलों को कंबाइन से काटना शुरु मुश्किल होता है. ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को काटने में अधिक मेहनत करना पड़ता है. किसानों को कंबाइन के बजाय उपाय के तौर पर हाथ से फसल काटनी पड़ती है. जिसमें अधिक मजदूर और खर्च लगता है. साथ ही ऐसी स्थिति में किसानों को भुंसी नहीं मिल पाता है क्योंकि किसान सिर्फ बालियों को भी काट पाते हैं.
दूसरी फसलों के किसान करें ये जरूरी उपाय पूसा संस्थान के वैज्ञानिक डॉ दिनेश कुमार किसानों को गेहूं के साथ ही दूसरों फसलों को बचाने की सलाह दे रहे हैं। इस मौसम की वजह से फसलों को काफी नुकसान होता है फसलें गिर सकती हैं सरसों के दाने झीटक सकते हैं। लेकिन फसलों को नुकसान तो है लेकिन कभी कभी फायदा भी है जैसे दुग्ध अवस्था में गेहूं की फसल में पानी नहीं लगाना पड़ता। अगर बरसात अच्छी हो गयी लेकिन वहीं ज्यादा पानी भर गया सरसों का हो या सब्जी का हो किसी प्रकार की फसल हो जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
अगर फसल को सिंचाई की जरुरत है तो फिर उसे टाल दें मौसम की जानकारी लेने के बाद ही आगे की क्रिया कलाप आगे बढ़ाएं। ऐसे ही कुछ कीट व बीमारी के लिए आ जाते हैं। इसलिए किसी प्रकार का छिड़काव करना होता है इसे हमेशा साफ मौसम मे करना होता हैं जब बारिश आने का अन्देशा हो तब छिड़काव को टाल देना चाहिए। साथ ही साथ अन्य फसल हैं जैसे कि चना, मसूर, मटर इनकी कटाई की व्यवस्था जल्द से जल्द कर लें। कटाई के समय भी आपको मौसम का ध्यान देना पड़ता है।
अगर कटाई के समय बारिश का अनुमान है तो कटाई को टाल देना चाहिए और सही मौसम मे कटाई कर लें सुखाकर और उसे खलियान में भी रख सकते हैं। उसे ढक कर दें जिससे बारिश का कुप्रभाव ना पड़े। दूसरी तरफ इस बरसात का हम फायदा ले सकते हैं, खासकर हमारी उर्द, मूंग और सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए सिंचाई की जरूरत नहीं होती है।