गन्ने में डालें : उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान में तैनात वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि इन दिनों रस चूसने वाले कीटों के अलावा पत्ती कुतरने वाले कीट भी गन्ने की फसल पर हमला कर रहे हैं। इन समस्याओं का समय रहते समाधान करना बहुत जरूरी है।
गन्ने में टिड्डे और मिलीबग्स
जैसे के आप जानते है बरसात के मौसम में गन्ने की फसल पर कई तरह के कीट हमला करते हैं। ये कीट न सिर्फ पत्तियों को चट करते हैं बल्कि रस भी चूसते हैं। जिससे गन्ने के पौधे कमजोर हो जाते हैं और उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है। जरूरी है कि इन कीटों का समय रहते उपचार किया जाए। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान में तैनात वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि इन दिनों गन्ने की फसल में रस चूसने वाले कीटों के अलावा पत्ती कुतरने वाले कीट भी फसल को प्रभावित कर रहे हैं।
गन्ने में डालें
इनका समय रहते समाधान करना बेहद जरूरी है। गन्ने की फसल में बरसात के मौसम में मिल्ली बग, पत्ती कुतरने वाला टिड्डा और आर्मी वर्म जैसे रस चूसने वाले कीट प्रभावी हो जाते हैं। जिनकी रोकथाम बेहद जरूरी है।
गन्ने में मिली बग हो सकता है घातक
डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि इन दिनों गन्ने में छिद्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मिलीबग कीट गन्ने की गांठों पर चिपक जाता है और रस चूसना शुरू कर देता है। इसके बाद धीरे-धीरे पौधा कमजोर होने लगता है। पत्तियां काली पड़ने लगती हैं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित होती है और पौधा नष्ट हो जाता है।
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पत्ती कुतरने वाला टिड्डा का खतरनाक
डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि गन्ने की पत्तियों को चट करने वाले टिड्डे और आर्मी वर्म भी फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ये कीट धीरे-धीरे पत्तियों को चट कर जाते हैं और पौधा पर्याप्त भोजन नहीं ले पाता। इसके बाद पौधा कमजोर होकर सूख जाता है।
किसी एक दवा का ऐसे करें छिड़काव
डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि रस चूसने वाले और पत्ती कुतरने वाले कीटों पर समय रहते नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। नहीं तो ये फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन पर नियंत्रण के लिए क्लोरोपायरीफोस 20 ईसी की 5 लीटर मात्रा को 1000 लीटर पानी में मिलाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें या फिर रॉकेट की 750 मिली मात्रा को 1000 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें। इसके अलावा इमिडा क्लोप्रिड नामक कीटनाशक की 200 मिली मात्रा को 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
20 दिन बाद फिर करें छिड़काव
डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि यदि कीटनाशक के छिड़काव के बाद बारिश हो जाए और कीट दोबारा आने लगें तो 20 से 25 दिन का अंतराल रखकर इनमें से किसी एक कीटनाशक का दोबारा छिड़काव करना चाहिए।