भेड़-बकरी पालन : आप सभी को बता दे की यूपी सरकार राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में राज्य में भेड़-बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग केंद्र शुरू किया गया है। यह केंद्र इटावा मुख्यालय में स्थित है। यहां एक कार्यक्रम में 40 लोगों को ट्रेनिंग दिया जाता है। साथ ही सरकार एक योजना भी चला रही है, जिसमें सब्सिडी का भी प्रावधान है।
एक समय में 40 लोगों को दिया जाता है ट्रेनिंग
आपको बता दें कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश भर से 30 और इटावा से 10 पशुपालक शामिल हैं। प्रशिक्षण केंद्र में कुल 847 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के बाद हर पशुपालक को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया जाता है, जो व्यवसायिक स्तर पर बकरी पालन में मददगार साबित होता है।
भेड़-बकरी पालन के लिए सरकार चला रही है विशेष योजना
राज्य सरकार ने बकरी पालकों के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत बकरी पालकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। बकरी पालक लाभार्थी को अपनी जेब से सिर्फ 10 प्रतिशत पैसा लगाना होता है, जबकि 40 प्रतिशत बैंक द्वारा ऋण दिया जाता है। राज्य सरकार की योजना के अनुसार, 100 बकरियों का फार्म 20 लाख रुपये में बनाया जाएगा। इसी तरह, 200 बकरियों का फार्म 40 लाख रुपये में और 500 बकरियों का फार्म 1 करोड़ रुपये में बनाया जाएगा।
80 लोगों ने व्यवसाय शुरू किया
बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र में इस तरह से प्रशिक्षण दिया जाता है कि पशुपालक को किसी तरह की परेशानी न हो। उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इच्छुक लोग बकरी पालन को व्यवसायिक व्यवसाय के रूप में अपना सकें।
इसी उद्देश्य से इटावा जिले में प्रदेश का एकमात्र बकरी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। जानकारी के अनुसार करीब 80 पशुपालकों ने बैंक से लोन लेकर व्यवसाय शुरू कर दिया है, जबकि कई पशुपालकों के कागजात स्वीकृति के लिए लंबित हैं। जल्द ही बकरी प्रशिक्षण का असर बड़े पैमाने पर दिखाई देगा।
भेड़ और बकरियों को नीली जीभ रोग से बचाएं
भेड़-बकरियों में वैसे तो कई बीमारियां आम हैं, लेकिन बरसात से लेकर सर्दी के मौसम में उन्हें ब्लू टंग बीमारी का जानलेवा खतरा रहता है। यह बीमारी भेड़-बकरी पालकों के मुनाफे को कम करती है। पशुओं के दूध और प्रजनन पर इसका बुरा असर पड़ता है। इसमें बकरियों का विकास भी रुक जाता है। पशु विशेषज्ञों के अनुसार ब्लू टंग देश में भेड़-बकरियों में तेजी से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है, जो एक भेड़-बकरी से दूसरी भेड़-बकरी में तेजी से फैलती है।