Sugarcane Crop किसान इस तरह करें पेड़ी प्रबंधन
इन दिनों किसान गन्ने की हार्वेस्टिंग हो रही है. ऐसे में पेड़ी प्रबंधन को लेकर भी खास एहतियात बरतने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान पेड़ी की फसल को मुफ्त की फसल ना समझें. किसानों को पेड़ी से बवाक जितनी ही उपज मिल जाएगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि गन्ने की हार्वेस्टिंग के साथ-साथ पेड़ी प्रबंधन भी करते रहें. ताकि गन्ने में फुटाव अच्छा हो पाए.
किसान इस तरह करें पेड़ी प्रबंधन
वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर श्री प्रकाश यादव ने बताया कि किसान जो गन्ने की हार्वेस्टिंग कर रहे हैं. उसका 2 से 3 दिन में प्रबंधन करना बेहद जरूरी है. किसान चीनी मिल से ताजा प्रेसमड (मैली) लाकर 50 कुंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गन्ने की हार्वेस्टिंग की हुई लाइनों के बीच में डाल दें. उसके बाद हल्की गुड़ाई कर उसमें सिंचाई कर दें.Sugarcane Crop उसके बाद 70 से 75 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया का भी छिड़काव कर दें. ऐसा करने से गन्ने में अच्छा फुटाव होगा. डॉक्टर श्री प्रकाश यादव ने बताया कि बावक के मुकाबले पेड़ी में 25% अधिक यूरिया देने की जरूरत पड़ती है.
पताई का भी खेत में ही करें निस्तारण
वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर ने बताया कि हार्वेस्टिंग के बाद खेत में बची हुई गन्ने की पताई का निस्तारण भी खेत में ही कर दें. Sugarcane Crop पताई को लाइनों के बीच में इकट्ठा कर उसके ऊपर ऑर्गेनो डी कंपोजर का छिड़काव कर दें. कुछ ही दिनों में पताई खेत में ही सड़ कर खाद में तब्दील हो जाएगी
हार्वेस्टिंग कर गैप फिलिंग का भी रखें ध्यान
डॉ श्री प्रकाश यादव ने बताया कि गन्ने की हार्वेस्टिंग के बाद कई जगह पर पुराने पौधे मर जाते हैं. ऐसे में गैप फिलिंग करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि गैप फिलिंग के लिए हार्वेस्टिंग से करीब एक महीना पहले ही सिंगल बड की नर्सरी तैयार कर लें और हार्वेस्टिंग के बाद जहां पर पौधे मर चुके हैं, वहां तैयार की हुई नर्सरी के पौधे लगाकर सिंचाई कर दें. ऐसा करने से खेत में गन्ने की पापुलेशन बरकरार रहेगी
किसान इस तरह करें पेड़ी प्रबंधन
किसान चीनी मिल से ताजा प्रेसमड (मैली) लाकर 50 कुंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गन्ने की हार्वेस्टिंग की हुई लाइनों के बीच में डाल दें. उसके बाद हल्की गुड़ाई कर उसमें सिंचाई कर दें. उसके बाद 70 से 75 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया का भी छिड़काव कर दें
पेड़ी की फसल में ध्यान रखने योग्य बातें
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बेहतर फुटाव के लिए फसल की कटाई जमीन से करें।
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पहली फसल की कटाई के बाद खेत से पत्तियां हटा लें और तुरंत सिंचाई कर दें।
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यदि गन्ने के बीच 3 फीट से अधिक स्थान खाली हो तो, उसी किस्म के अंकुरित बीज लगाकर खाली जगह भर दें।
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यदि पहली फसल पर कीट और रोगों का प्रकोप रहा हो तो, बुवाई से पहले खेत में कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें।
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मानसून से पहले खूड़ों पर मिट्टी चढ़ा लें।
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लाल सड़न, उकठा और कंड जैसे रोग लगे होने पर पेड़ी का प्रयोग न करें।
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खेत में नमी बनाए रखने और खरपतवार नियंत्रण के लिए सूखी पत्तियों को कतारों के बीच फैला दें।
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पत्तियों में रोग और कीट के लक्षण होने पर उन्हें जला दें।
पेड़ी में खाद प्रबंधन
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खेत साफ करने के बाद प्रति एकड़ 5 टन गोबरखाद डालें।
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एक एकड़ में 40-50 किलोग्राम यूरिया,70-80 किलोग्राम डीएपी और 50-60 किलोग्राम एमओपी का प्रयोग करें।
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नाइट्रोजन को तीन भागों में बाटें। पहला भाग कटाई के बाद एवं बाकी की मात्रा को 2 महीनों के अंतराल पर डालते रहें।
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मिट्टी में जिंक की कमी होने पर 10-15 किलोग्राम जिंक सल्फेट की मात्रा को एक एकड़ के अनुसार डालें।
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मिट्टी की जांच अवश्य करा लें और आवश्यकता के अनुसार ही खाद का प्रयोग करें।