Sugarcane Crop आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी (AI) की चर्चा पूरे जोरो-शोरों पर
यूपी के किसान अब AI तकनीक की मदद से खेती करेगें. चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीणा कुमारी ने अधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं. उसके साथ उन्होंने ये भी कहा है कि किसानों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी दी जाए.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें गन्ना किसानों को कीट के हमलों से पहले अनुमान के साथ ही फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी और मौसम के पूर्वानुमान सहित उचित जल संरक्षण और सिंचाई में स्वचानन तकनीकी ड्रोन, मिट्टी के नमूने, डेटा विश्लेषण सहित अन्य कार्यों में
वर्तमान समय में हर तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी (AI) की चर्चा पूरे जोरो-शोरों पर है. हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में खेती-किसानी के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाना शुरू हो गया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा. जिसमें गन्ना किसानों को कीट के हमलों से पहले अनुमान के साथ ही फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी की भी जानकारी मिलेगी.Sugarcane Crop
इसके साथ ही मौसम के पूर्वानुमान, उचित जल संरक्षण और सिंचाई के बारे में पता चलेगा. मिट्टी के नमूने, डेटा विश्लेषण सहित अन्य कार्यों में टेक्निकल मदद मिल सकेगी.
बता दें कि कृषि के क्षेत्र में एआई का प्रयोग लगभग पहली बार किया जा रहा है. इस प्रयोग से किसानों को काफी सफलता मिलेगी. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग होने से किसानों को काफी फायदा होगा.
विभाग की सचिव ने दी जानकारी
चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीणा कुमारी ने अधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं. उसके साथ उन्होंने ये भी कहा है कि किसानों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी दी जाए. वहीं, किसी भी प्रकार की परेशानी के लिए टोल फ्री नंबर 18 00- 121 3203 भी जारी किया गया है.Sugarcane Crop उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों द्वारा चीनी मिल गेटों और गन्ना क्रय केंद्रों पर सघन निरीक्षण अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं.
गन्ने की खेती में होगा AI का प्रयोग
यूपी में 120 चीनी मिलों द्वारा लगभग 574 लाख टन गन्ने की पेराई की जाती है. वहीं अब यूपी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से गन्ने खेती होने से पैदावार ज्यादा हो सकेगी और किसानों को भी इसका लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही गन्ना खरीद में प्रयोग होने वाले सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी पाए जाने वाले के खिलाफ कठोर कार्यवाही भी हो सकेगी.
इसके अलावा इस तकनीक से गन्ने की खेती में इस्तेमाल करने से फसल में कीट के हमले की जानकारी पहले ही मिल जाएगी. वहीं इससे मौसम का पूर्वानुमान पता चल जाएगा. इसके अलावा इस तकनीक के प्रयोग से जल सिंचाई, मिट्टी के नमूने की जांच और फसलों की रोपाई समेत कई तरह की मदद मिलेगी. साथ ही इस की मदद से किसानों को मिट्टी में कितना पानी देना है, कितना उर्वरक देना है, किस प्रकार का उर्वरक देना है और कितना देना है ये भी पता चलेगा.
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पहल के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को गन्ना किसान संस्थान में आयोजित समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त ने गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने तथा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने के भी निर्देश दिए।Sugarcane Crop घटतौली की सूचना के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 भी जारी किया। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों द्वारा चीनी मिल गेटों एवं गन्ना क्रय केंद्रों पर सघन निरीक्षण अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
पेराई सत्र में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था
बैठक में गन्ना आयुक्त गन्ना आयुक्त ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में अब तक 14,200 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है, जो कुल देय राशि का लगभग 82 प्रतिशत है। 120 चीनी मिलों द्वारा लगभग 574 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए अब तक लगभग 58 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। पेराई सत्र 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था।
घटतौली पाए जाने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई
वर्तमान में 44.40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 29.66 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। इस दौरान गन्ने की उत्पादकता भी बढ़कर 83.95 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। पिछले साढ़े छह वर्षों में कुल 2,35,073 करोड़ रुपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों का कराया गया है। बैठक में परिक्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि संयुक्त टीम बनाकर घटतौली तथा अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जाए। घटतौली पाए जाने पर दोषी व्यक्तियों, तौल लिपिकों, चीनी मिलों एवं त्रुटिपूर्ण वेब्रिज तथा सॉफ्टवेयर निर्माताओं के खिलाफ नियमानुसार कठोर की जाए।