U.P NEWS आंधी और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को पहुंचा नुकसान
जिले में हुई तेज बारिश और तंज अंधड़ से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। बारिश और अंधड़ ने पूरे जिले में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। कई स्थानों पर बिजली के ट्रांसफार्मर और खंभों पर भी पेड़ गिरे। इससे सुबह के समय बिजली आपूर्ति भी प्रभावित रही। बारिश से तापमान में गिरावट भी आई। इससे लोगों को ठंड का एहसास हुआ।
खेतों में खड़ी गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है। शनिवार को एकाएक आई आंधी और बारिश ने किसानों की उम्मीदों और उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों का कहना है कि पहले बुवाई के बाद लंबे समय तक बारिश न होने से फसल को नुकसान हुआ था। इसके बाद जैसे-तैसे बची हुई फसल को बेसहारा पशुओं से बचाया था। अब आंधी और बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों में सुनीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, रतन सिंह, सुशील कुमार, कृष्ण चंद, दिलीप सिंह, यशपाल, राजकुमार, बलदेव, बिशन सिंह, नवीन कुमार, राजेश कुमार, हरि सिंह, वासुदेव, जगदीश चंद्र सहित अन्य किसानों ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल पूरी तरह से लहलहा रही थी और पकने के कगार पर है। बारिश के कारण उनकी फसल खेतों में ही बिछ गई।
इस कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। किसानों ने बताया कि बारिश और आंधी से जहां उनकी गेहूं की फसल बर्बाद हुई है, U.P NEWS वहीं सरसों और आम की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि फसल अच्छी हो जाएगी और पहले जो नुकसान हुआ है, वह पूरा हो जाएगा। अब फसल बर्बाद होने से खेती की लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा। किसानों ने सरकार से मांग की है कि बारिश और आंधी से हुए आर्थिक नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए। उधर, उप निदेशक जिला कृषि विभाग शशि शर्मा ने बताया कि गेहूं की फसल अभी हरी है, यह फसल ठीक हो जाएगी। वहीं किसानों की फसल का बीमा भी होता है, U.P NEWS यदि किसी फसल को अधिक नुकसान हुआ होगा तो बीमा के माध्यम से नुकसान की भरपाई की जाती है।
बर्बाद हो गई गेहूं की फसल
इसके अलावा, लुधियाना जिले में बारिश और तेज गति वाली हवाओं के कारण गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसान काफी परेशान हैं. केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और हरियाणा के अंबाला में भी क्रमश: 8.6 और 5.6 मिमी बारिश हुई है. इस बीच, अमृतसर, पटियाला और लुधियाना में न्यूनतम तापमान क्रमशः 19.1 डिग्री सेल्सियस, 17 डिग्री सेल्सियस और 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
पठानकोट में न्यूनतम तापमान
पठानकोट में न्यूनतम तापमान क्रमश: 17.9 डिग्री सेल्सियस, बठिंडा में 16.4 डिग्री सेल्सियस, फरीदकोट में 17 डिग्री सेल्सियस और गुरदासपुर में 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पड़ोसी राज्य हरियाणा के अंबाला और हिसार में न्यूनतम तापमान क्रमशः 17.4 डिग्री सेल्सियस और 20.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से चार डिग्री अधिक है. सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 64 प्रतिशत दर्ज किया गया.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की देर शाम को आसमान में बादल छाने के बाद तेज हवाएं शुरू हो गई। वहीं, शनिवार की अलसुबह करीब तीन बजे एकदम से तेज आंधी के साथ बारिश व ओलावृष्टि शुरू हो गई, जिससे लोगों को दोपहर के समय पड़ रही गर्मी से कुछ राहत तो मिल गई लेकिन गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंच गया। बता दें कि फसल पकने को तैयार थी। एक अप्रैल से गेहूं की कटाई शुरू होने वाली है लेकिन बारिश ने किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा दिया है।
जल्द गिरदावरी करवाकर फसल का मुआवजा दिया जाए- किसान
गांव ढबवाली ढाब के किसान जोगिंदर सिंह, जसदेव सिंह, रेशम सिंह, गुरनाम सिंह, हरप्रीत सिंह, बलजिंदर सिंह, सुरजीत सिंह, हरबंस सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल पकने को तैयार थी और कुछ दिनों के भीतर वह गेहूं की कटाई करने की सोच रहे थे। वहीं उन्हें इस बार उम्मीद थी कि पैदावार अधिक निकलेगी। लेकिन बारिश ने उनके सभी सपनों पर पानी फेर दिया है। गेहूं की फसल अब जमीन पर बिछ गई है। अब यहां कटाई करनी मुश्किल हो जाएगी।